

12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार में सम्राट जार्ज पंचम का राज्याभिषेक पूरा हुआ और भारत की राजधानी कलकत्ता से हटा कर दिल्ली कर दी गई तथा बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग कर एक नए प्रान्त के निर्माण की घोषणा कर दी गई तब उस दिन जिस दिन दिल्ली को राजधानी बनाने की आधारशिला रखी जा रही थी तो बिहार निर्माता सच्चिदानंद सिन्हा और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस प्रमाद चरण बनर्जी (1848-1930) आस पास ही खड़े थे। दोनों की अच्छी जान पहचान थी। जस्टिस बैनर्जी ने सिन्हा को देखते हुए कहा,
“आपको बहुत बधाई, अन्ततः आपने अपना एक अलग प्रान्त ले लिया।”
सिन्हा ने आदर के साथ जवाब दिया, “जी, धन्यवाद। साथ में एक कार्यकारिणी परिषद भी।”
जस्टिस बनर्जी अबाक रह गए और बोले, “बकबास! आपने एक लेफ्टिनेंट गवर्नर और लेजिस्लेटिव कौंसिल पाया है।”
तब सच्चिदानंद सिन्हा ने जवाब दिया, “जस्टिस साहेब, आपका अनुमान गलत है। आप भूल रहे हैं कि बिहार ने लेफ्टीनेंट गवर्नर के साथ कार्यकारी परिषद भी पाया है। और हाँ, एक लेजिस्लेटिव कौंसिल भी।”
“मैंने तो सम्राट को ऐसा कहते नही सुना, अपने यह खबर कहां पाई,” जस्टिस बैनर्जी ने पूछा।
अब सच्चिदानंद सिन्हा ने सम्राट जार्ज पंचम द्वारा बिहार निर्माण की घोषणा का विश्लेषण करते हुए कहा,” सम्राट ने घोषणा की थी कि बिहार और उड़ीसा लेफ्टीनेंट गवर्नर इन कौंसिल के साथ रहेंगे जिसका अर्थ होता है कार्यकारी परिषद।”
जस्टिस बनर्जी ने आश्चर्य से कहा,”ऐसा हुआ? मेरे दिमाग में तो यह बात आई ही नहीं।”
दरअसल दिल्ली दरबार में जब सम्राट जार्ज पंचम यह घोषणा कर रहे थे तब सबकी निगाह भारत की राजधानी कलकत्ता से हटा कर दिल्ली करने पर टिकी थी, बिहार पर बहुत सारे लोगों ने ध्यान ही नही दिया। चूंकि सच्चिदानंद सिन्हा ने बिहार निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी तो उन्होंने संवैधानिक बातों को ध्यान से सुना था।
यदि आपको दिल्ली दरबार 1911 की रंगीन फ़िल्म देखनी हो तो “विथ आवर किंग एंड क्वीन थ्रू इंडिया” अथवा “दि दिल्ली दरबार ” नाम की फ़िल्म देखिए जिसे 12 फरवरी 1912 को रिलीज की गई थी। यह पहली रंगीन फ़िल्म है जिसमें दिल्ली दरबार की शूटिंग के लिए ब्रिटेन के चुनिंदे छायाकारों को बुलाया गया था। इस दरबार में 50,000 से अधिक घुड़सवारों का प्रदर्शन हुआ था और एक भी दुर्घटना नहीं हुई थी।
(विस्तृत जानकारी के लिए डॉ ब्रजेश वर्मा की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक “बिहार -1911” पढ़ें)
(फोटो दिल्ली दरबार साभार गूगल)