इस शब्द को हमने सबसे पहले तब पढ़ा जब संथाल परगना गजेटियर का अध्ययन कर रहा था।
और, समझ में भी आया कि किसी इंसान का घर बेचिरागी क्यों हो जाता है।
मतलब, जिस घर में कोई चिराग जानने वाला न हो। यह एक दुखद स्थिति है, शायद इसलिए इंसान अपने घर का एक चिराग चाहता है, ताकि उसका बनाया घर कभी बे-चिरागी न हो!
