क्रिकेट की समझदारी:- कप्तान कोहली की सिर्फ एक गलती
कप्तान विराट कोहली से सिर्फ एक ही गलती हुई थी और मैच पाकिस्तान ले गया।
मैं 24 ऑक्टुबर को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए T20 विश्व कप की बात कर रहा हूँ।
विराट कोहली को किसी भी सूरत में भुवनेश्वर कुमार से पहले बॉलिंग नहीं करानी चाहिए थी।
बस यही एक गलती से भारत मैच हार गया।
अब क्रिकेट की समझदारी की बात करते हैं। यदि टीम में बुमरा जैसा मारक क्षमता वाले बॉलर हों तो भुनेश्वर कुमार से पहले बॉलिंग कराने का कोई मतलब नहीं निकलता।
हमेशा इस बात को याद रखना चाहिए कि एक बेहतरीन बॉलर होने के बाद भी भुवनेश्वर कुमार टेस्ट मैच के लिए फिट हैं, न कि T20 जैसे विश्व स्तर के खेल के लिए एक ओपनिंग बॉलर के रूप में।
भारत और पाकिस्तान दोनो दवाब में खेलते हैं यह जगजाहिर है। पाकिस्तान ने क्या किया? अफरीदी नामक उस बॉलर से ओपनिंग कराया जिसे भारत के खिलाड़ियों ने कभी फेस नहीं किया था। वह पाकिस्तान का सबसे बड़ा मारक क्षमता वाला बॉलर था। जाहिर है कि खेल से पहले दोनो टीमों के एक्सपर्ट ने सैकड़ों बार एक दूसरे के खेलों को स्क्रीन पर देखकर उनकी कमजोरियों और खूबियों का अध्ययन किया होगा।
यहां भी कोई कमजोरी नहीं थी। पाकिस्तानी कप्तान ने यदि नए बॉलर अफरीदी की जगह किसी दूसरे से ओपनिंग कराई होती तो हमारे दोनो ओपनर, जो कि बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं, इतनी जल्दी आउट नहीं होते।
यह भी कोई मुद्दा नहीं है। रोहित शर्मा और के एल राहुल के आउट होने के बावजूद कोहली ने मैच को संभाल लिया था। T20 में 151 रन कम नहीं होते।
जब भारतीय टीम फील्डिंग के लिए उतरी तो मुझे यह उम्मीद ही नही भरोसा था कि बुमरा की मारक क्षमता के सामने पाकिस्तान बिखर जाएगा, क्योंकि उसपर 152 रनों को बनाने का दवाब था।
और, जैसे ही कोहली ने भुवनेश्वर कुमार के हाथों बॉल को देकर ओपनिंग कराया, मेरे मन में आशंका उठी की यह कोहली से बहुत बड़ी गलती हो गई।
और यही हुआ। भुवनेश्वर कुमार के पहले ही ओवर में जैसे ही एक चौका और एक छक्का लग गया, पूरी भारतीय टीम तब दवाब में आ गयी जब दूसरा ओवर मुहम्मद शामी से कराया गया। बुमरा, जो हमारा सबसे बड़ा मारक त्वत था, उसे तीसरे ओवर में क्या सोचकर लाया गया, यह कप्तान कोहली ही बता सकते हैं।
क्रिकेट की समझदारी क्या होती है उसे 1983 के विश्वकप से समझा जा सकता है, जब फ़ाइनल मैच में कपिलदेव ने वेस्ट इंडीज के सबसे बड़े बैट्समैन विवियन रिचर्ड्स का एक मुश्किल कैच पकड़ा और भारत पहली बार विश्वविजेता बन गया। यदि विवियन रिचर्ड्स क्रीज पर रह जाते तो वेस्ट इंडीज के लिए 183 रन बनाना मुश्किल था क्या?
क्रिकेट के खेल में हार और जीत के बीच सिर्फ एक बाल का ही अंतर होता है, बाकी सारी बातें बहस होती हैं।
अफरीदी के जिस यॉर्कर पर रोहित शर्मा एलबीडब्ल्यू हुए वह कोई बड़ा बॉल नहीं था, किन्तु के एल राहुल जिस बॉल पर बोल्ड हुए वह एक जबरदस्त गेंद थी, गावस्कर जैसे महान खिलाड़ी ही उसे रोक सकते थे!☺️