अमृता भारती (योग गुरु):-


भागलपुर: वृक्षासन शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाने वाला वह आसान है, जिसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति को अनेकों लाभ हो सकते हैं। इसके अभ्यास से शारीरिक और भावनात्मक दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाया जाता है।
इस आसन के अभ्यास के लिए आप सीधे खड़े हो जाएं। अब दाहिने घुटनों को मोड़कर बाईं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों के पंजों को ऊपर लेजाकर प्रणाम की मुद्रा बनाएं। कुछ क्षण अपना संतुलन बनाए रखें।
वृक्षासन आपके मस्तिष्क को शांत करता है जिससे आपका दिमाग तेज होता है। इसके नियमित अभ्यास से पैरों, टखनों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
इस आसन से मनुष्य की एकाग्रता में सुधार होता है। सायटिका की समस्या में लाभदायक आसन है। यह रीढ़ और घुटनों की हड्डियों को मजबूत बनाता है, साथ ही हिप्स के जोड़ों को ढीला रखने में मदद करता है।
वृक्षासन इंसान की आंखें, कान और कंधों की मजबूती के लिए असरदार है। इससे छाती चौड़ी होती है। किंतु जिस इंसान को माइग्रेन की शिकायत है उन्हें इस आसन से बचना चाहिए।
( लेखिका भागलपुर स्थित सेंडिस कंपाउंड में फिटनेस योग हैल्थ क्लब की गुरु हैं)
