अनुपमा शर्मा:-

*सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायनी।*
*त्वं  स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः ।।*
काल माधव शक्ति पीठ भारत के प्राचीन मंदिरों में प्रसिद्ध  है, जिसे लगभग 6000 साल पहले स्थापित किया गया था। देवी सती के 51 शक्ति पीठ हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित हैं। काल माधव शक्ति पीठ उन्हीं में से एक है  जो मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित है।

मंदिर में देवी सती ‘काली’ के रूप में स्थित हैं, और भगवान शिव को ‘असितंग’ के रूप में रखा गया है। यह भी माना जाता है कि देवी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मंदिर के स्थान के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है लेकिन अमरकंटक  मध्य प्रदेश को ही प्रमुख शक्तिपीठ माना जाता है। यहाँ आने पर माता की कृपा प्राप्त होने लगती है । सृष्टि का चक्र शक्ति से ही चलता है और यह शक्ति माता भगवती की कृपा है जिससे सारा संसार चालयमान है।
*या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यैनमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।*
काल माधव मंदिर देवी सती के शक्ति पीठों में से एक है और इसे एक पवित्र मंदिर माना जाता है।  यहाँ देवी सती का बायां नितंब (कुल्हा)गिरा था।
अमरकंटक भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ और सुरम्य पर्यटन स्थल है। विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमाला के बीच 1065 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हरा-भरा स्थान होने के साथ-साथ काफी आकर्षक भी है। यह स्थान बहुत रहस्यमय और अज्ञात है
अमरकंटक मैकल पर्वत पर स्थित है । यह पर्वत विंध्य पर्वत श्रंखला और सतपुड़ा पर्वत श्रंखला का संधि स्थल है । यह एक चमत्कार से कम नहीं कि एक ही स्थान से दो नदियां बिल्कुल विपरीत दिशा में बहती हैं । इसमें सोन नदी जहाँ बिहार  के पास गंगा नदी में मिलती है ,वहीं नर्मदा गुजरात म् भरूच में अरब सागर से मिलती है । नर्मदा का उद्गम अमरकंटक से ही होता है । यह भारत की सात प्रमुख नदियों में से एक है और अमर कंटक मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित है । यह एक  पवित्र स्थल है।
नर्मदा और सोन नदियों का  उद्गम स्थल यहाँ अनादि काल से ऋषि-मुनियों का वास रहा है। यहाँ का वातावरण इतना मनोरम और मनमोहक है कि यहाँ केवल तीर्थयात्री ही नहीं बल्कि प्रकृति प्रेमी भी यहाँ आते हैं। 
*देहि सौभाग्यमारोग्यम् देहिमे परमं सुखम् ।*
*रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ।।*
मध्य प्रदेश के अमरकंटक में घूमने के लिए इसके अलावा भी और बहुत सी  अच्छी जगह हैं ।——
जिनके नाम निम्न हैं ।
आसपास देखने के लिए मंदिर
श्री यंत्र मंदिर
माँ नर्मदा मंदिर / शोना शक्तिपीठ
गायत्री शक्ति पीठ, अमरकंटक
श्री अमरेश्वर महादेव मंदिर
गीता स्वाध्याय मंदिर
माई की बगिया
जैन मंदिर अमरकंटक
पातालेश्वर महादेव मंदिर
नर्मदा उद्गम स्थल
आसपास देखने के लिए अन्य स्थान
कपिलधारा झरना
कलचुरी काल के प्राचीन मंदिर
दूध धारा जलप्रपात
कबीर चबूतरा
गायत्री सरोवर

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By lamppost

Dr. Brajesh Verma was born on February 26, 1958, in the Bhagalpur district of Bihar. He has been in the field of journalism since 1987. He has worked as a sub-editor in a Hindi daily, Navbharat Times, and as a senior reporter in Hindustan Times, Patna and Ranchi respectively. Dr. Verma has authored several books including Hindustan Times Ke Saath Mere Din, Pratham Bihari: Deep Narayan Singh (1875–1935), Rashtrawadi Musalman (1885–1934), Muslim Siyaasat, Rajmahal and novels like Humsaya, Bihar – 1911, Rajyashri, Nadira Begum – 1777, Sarkar Babu, Chandana, Gulrukh Begum – 1661, The Second Line of Defence and Bandh Gali.