अनुपमा शर्मा :-

*ॐ सर्व मंगल मांगल्यैशिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।*
आदिशक्ति की जाग्रत शक्तियों वाले स्थान सिद्ध शक्तिपीठ कहे जाते हैं। ऐसा ही शक्तिपीठ
महामाया शक्तिपीठ जम्मू – कश्मीर राज्य में अमरनाथ गुफा में विराजमान है । यह मंदिर लगभग ५०००हज़ार साल पुराना है । अमरनाथ गुफा में हिम से निर्मित शिवलिंग को अमरनाथ कहा जाता है और शिवलिंग के पास ही हिम से निर्मित शक्तिपीठ भी बन जाता है जिसे पार्वती शक्तिपीठ कहते हैं । इस शक्तिपीठ के दर्शन अमरनाथ यात्रा के समय ही किये जा सकते हैं । यह शक्तिपीठ माता के ५१(इक्यावन) शक्तिपीठों में से एक है । इस मन्दिर में माता को महामाया के रूप में पूजा जाता है और भैरव को ‘त्रिसंध्येश्वर’ के रूप में । पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ माता सती का कण्ठ(गला) गिरा था ।
अमरनाथ गुफा 3,888 मीटर(12,756फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। गर्मियों के कुछ दिनों को छोड़कर यह क्षेत्र तीर्थ यात्रियों के लिए सुलभ होता है । बाकी वर्ष भर बर्फ से ढँका रहता है।
शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग एक प्राकृतिक गुफा में स्थापित हैं । देवी महामाया और भगवान शिव के साथ ही भगवान गणेश जी के बर्फ के लिंग के रूप में पूजा की जाती है । अमरनाथ यात्रा के समय यह मंदिर खुला रहता है। अमरनाथ यात्रा इस शक्तिपीठ का पर्व है। इसके नज़दीक और भी बहुत सी जगह हैं जिन पर आप जा सकते हैं—पहलगाम हिलस्टेशन, शेषनाग झील, बालटाल घाटी, श्रीशंकराचार्य मन्दिर, मार्तण्ड सूर्य मन्दिर, ममलेश्वर शिव मंदिर, तुलियन झील व थजवास बालटाल वन्यजीव अभयारण्य आदि ।
*या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।*
महामाया शक्तिपीठ के दर्शन करने मात्र से ही जनम-जनम के पाप कट जाते हैं।
अमरनाथ का महामाया शक्तिपीठ कश्मीर में श्री नगर से 141 किलोमीटर दूर 12700 फीट की ऊँचाई पर स्थित है । यहाँ तक जाने के लिये दो रास्ते हैं। एक रास्ता श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर बालटाल से होकर पैदल जाने का छोटा व खतरनाक रास्ता तथा दूसरा रास्ता पहलगाम से शुरू होकर चंदनवाड़ी, शेषनाग व पंचतरणी से होता हुआ जाता है।
*श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बर धरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा ।।*

