अनुपमा शर्मा:-
*विनिर्मुक्तो धन–धान्य सुतान्वितः।*
*मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥*
शिवहरकारे शक्ति पीठ मंदिर इक्यावन शक्ति पीठ मंदिरों में से एक देवी दुर्गा को समर्पित है। शिवहरकारे शक्ति पीठ पाकिस्तान में कराची के पास सुक्कर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। शिवहरकारे शक्ति पीठ में आद्या शक्ति के अवतार की पूजा की जाती है जिन्होंने महिषासुर का वध किया था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती की आँख यहाँ गिरी थी।
देवी को “महिषासुर-मर्दिनी और भगवान शिव को क्रोधीश( क्रोधित छवि का प्रतीक) के रूप में भैरव के रूप में पूजा जाता है।
कहते हैं कि नैनादेवी बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में माता की दूसरी आँख गिरी थी। शिवहारकराय शक्तिपीठ नाम से भी जाना जाता है। और महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित ‘करवीर शक्तिपीठ’ पर माता का त्रिनेत्र गिरा था जिसकी देवी ‘महिषासुरमर्दनी’ तथा भैरव ‘क्रोधशिश’। यहाँ महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है।
*देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।*
*रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥*