अनुपमा शर्मा:-
*जडानां जडतां हन्ति भक्तानां भक्तवत्सला ।*
*मूढ़ता हर मे देवि त्राहि मां शरणागतम् ॥*
माँ अंबिका शक्तिपीठ मंदिर या विराट शक्तिपीठ मंदिर अंबिका के रूप में देवी सती को समर्पित है, जो इक्यावन शक्ति पीठ मंदिरों में से एक है। अंबिका विराट शक्तिपीठ राजस्थान में जयपुर के पास भरतपुर में स्थित है। विराट मंदिर जयपुर से 90 किमी दूर विराट गाँव में स्थित है। यह स्थान महाभारत कालीन राजा विराट की नगरी है,
गीताप्रेस की “शक्तिपीठ दर्शन” में एक पैराग्राफ है – जयपुर के 64किमी उत्तर में महाभारतकालीन विराटनगर के पुराने खण्डहर हैं … यहीं पर विराट ग्राम में शक्तिपीठ है। यहाँ देवी के दांये पैर की उंगलियां गिरी थीं। यहाँ की शक्ति “अम्बिका” और भैरव “अमृत” हैं जो अमरता का प्रतीक हैं।
यह शक्तिपीठ एक पहाड़ी पर है। वहाँ जाने के लिए सीढ़ियां बनी हैं पर बहुत ज्यादा नहीं चढ़ना पड़ता। रास्ता भी सीधा – सीधा नहीं है। जंगल सा है।
मंदिर खुला ही रहता मंदिर छोटा ही है। शक्तिपीठ का बोर्ड जरूर लगा है अम्बिका शक्तिपीठ की सीढ़ियां माता की आँखें बड़ी सुंदर हैं। लगता है कुछ बोल रही हैं।
मंदिर खुला ही रहता है।
अरावली की पहाड़ियों से झाँकता सवेरे का सूरज – बहुत मोहक दृश्य होता है यहाँ सब कुछ वैसा ही है जैसा महाभारतकाल में अज्ञातवास झेलते पाण्डवों ने देखा होगा।
अरावली की पहाड़ियों से झाँकता सवेरे का सूरज – बहुत मनमोहक दृश्य होता है
*सौम्यक्रोधधरे रुपे चण्डरूपे नमोऽस्तु ते ।*
*सृष्टिरुपे नमस्तुभ्यं त्राहि मां शरणागतम् ॥*