कंचन:-
रीमा अपने माता पिता के साथ शहर से सटे एक गांव में रहती है। उसके पिता के पास इतनी जमीन है कि उससे साल भर का अनाज हो जाता है। बड़ा भाई और जरूरतों के लिए दूसरे की जमीन पर काम करता है। जीवन किसी तरह चल रहा है।
रीमा की दो बड़ी बहने ससुराल में रहती हैं। रीमा घर में जिद कर आठवां के बाद तीन किलोमीटर की दूरी पर एक स्कूल में नाम दर्ज कराई है। वह बहुत मन से पढ़ाई करती है।
रीमा अब पंद्रह वर्ष की हो गई है। शरीर में बदलाव हो रहा है और साथ ही मन में भी। तरह तरह के इंद्रधनुषी सपने आंखों में सजने लगे हैं। उसे गीत गुनगुनाने, तितली के पीछे दौड़ने और चिड़ियों जैसी आकाश में उड़ने का मन करता है। किंतु उसके माता पिता को यह सब दिखाई नहीं देता। दिखाई देता है तो उसका बढ़ता शरीर जो उनकी आंखों को खटकने लगा है। अब वे उसकी शादी के लिए लड़का ढूंढना शुरू कर रहे हैं।
रीमा ने अच्छे नंबर से मैट्रिक पास किया। घर में सबको बताई, किंतु किसे ने उसे प्यार से दो शब्द नही कहे। वह दुखी होकर सोने चली गई। एक दिन रीमा सुबह उठकर बैठी थी कि तभी बगल के कमरे से मां पिता के बात करने की आवाज आई। ध्यान से सुनने पर उसे सुनाई दिया कि वे उसकी शादी की बातें कर रहे हैं।
रीमा रोने लगी। वह अभी शादी करना नही चाहते थी। उसने आंगनबाड़ी के मैडम से सुनी थी की 18 वर्ष के कम उम्र में शादी करना ठीक नहीं। अभी उसकी उम्र कम है। उसके सपने अधूरे हैं। किंतु वह यह सब अपने माता पिता को कैसे समझाए। एक दिन मौका देखकर रीमा मां के बस बैठ गई। मां समझ गई कि बेटी कुछ कहना चाह रही है। किंतु तभी उसके पिता के पुकारने की आवाज आई। मां पिता के पास चली गई। फिर अपनी बेटी के पास आकर प्यार से कहा कि कल तुम्हें लड़के वाले देखने आ रहे हैं।
रीमा अपने अंदर के ताकत को समेटते हुए चिल्ला पड़ी। उसने साफ कहा कि उसे आगे पढ़ना है। वह शादी नही करना चाहती। मां उसका यह रूप देख हतप्रभ रह गई। यह उसका प्रथम विद्रोही रूप था।
रीमा अपने कमरे में चली गई। सुबह उसे एडमिशन फॉर्म लाना था और आज उसे लड़के वाले देखने आ रहे थे। उसने मां को बताया कि उसे कॉलेज की पढ़ाई के लिए फॉर्म लाना है। आज एडमिशन की अंतिम तिथि है। किंतु उसके भाई में उसे डांट दिया। उसे घर से बाहर जाने को मना कर दिया। रीमा को लगा कि सब उसपर शासन करते हैं।
अब रीमा को सारी दुनिया वीरानी लगने लगी। उसके मन की कोई सुनने वाला नही था। तभी उसकी सहेली मीरा उससे मिलने आई। जब रीमा ने उसे सारी बात बताई तो मीरा ने कहा कि वह उसके लिए एडमिशन फॉर्म लेकर आएगी।
दिन में लड़के वाले उसे देखने आए। रीमा को सजाया गया। उसका सिर चकरा रहा था। तभी उसकी सहेली रीमा के लिए एडमिशन फॉर्म लेकर आई। लड़के वाले घर पर ही थे। रीमा बीच से ही उठकर अपनी सहेली मीरा के पास गई। वह फार्म लेने लगी।
इसी बीच लड़के के पिता ने जब देखा कि रीमा आगे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है तब वे और भी खुश हुए। उसने तुरंत रीमा से अपने बेटे की शादी तय कर दी। किंतु एक शर्त रखा।
शर्त यह था कि रीमा यदि आगे की पढ़ाई जारी रखेगी तभी वह अपने बेटे से इसकी शादी करेगी। रीमा को आश्चर्य का ठिकाना नही रहा। उसके माता पिता भी मान गए।
अब रीमा ने अपने माता पिता के साथ अपने होने वाले ससुर का आशीर्वाद लिया और एडमिशन फॉर्म लेकर अपनी सहेली के साथ कॉलेज निकल गई।
सपने देखने जरूरी हैं। तभी तो कुछ नया कर पाएंगे। रीमा का फैसला गांव के लोगों को भी सही लगा। सभी उसका गुणगान करने लगे।